Tuesday, 21 June 2011

Now..

Now I have got,so much to write,
now that I have gone through times hard n tight,
Now I know what means, to manage a smile,
Its hard even to let it stay for a while..

Now I understand what makes one cry,
And not able to come up, how hard be the try,
Now I know the pain of a river aghast,
to meet its beloved ocean, so swift and fast..

Now I don't condemn the poets,for their melancholy,
For it has got love in it, so sacred and so holy,
Its now that I do not, dare to curse the bees,
for their search for flowers ending into trees..

Now I know how much deep, can be inside a lake,
how people can fool you with faces oh-so-fake,
Now it feels how it is, to be left all alone,
in a desert full of storms with no path to be shown..

Now it grieves my heart, to see people in pain,
for my agony comes, to my mind all again,
Now it surprises me to hear, a talk of true love,
see how my own life, has made me so tough..

Now I light up when I hear a word of praise,
I first see for the motive, hidden behind the face,
Now I do not talk of, the great heights of love,
Truly, seeing the depths, its quite a task so tough..

Now I fear going out alone in the night,
who knows when the moon even gets out of sight,
Now many things have swapped their places indeed,
But there is this gem of a thing, that i still need..

Still I crave for love, my only love I say,
With all my heart I am waiting, waiting for that day,
The day he ll bring back the faith in my love,
the day he ll say I love you, life will cease to be tough..

The day he ll hold my hands, and take me all along,
the drift pf time then,would not seem to be long,
The day he ll look straight and deep, into my eyes,
Yes, it will be the end of darkness and start of day bright..



तेरे आने से पहले..


बुझ गयी थी हर लौ तेरे आने से पहले,
ये कैसे उजाले लेकर तू मेरी दुनिया में आया है,
दूर तक रौशनी ही नज़र आती है अब तो,
प्यार ने तेरे मेरे जीवन को जगमगाया है..

टूट गया था हर हौसला तेरे आने से पहले,
ये कैसी उम्मीद लेकर तू मेरी दुनिया में आया है,
नयी सी उमंग रहती है अब दिल में हर पल,
प्यार ने तेरे मेरे डूबते दिल को पार लगाया है..

बिखर गया था हर सपना तेरे आने से पहले,
ये कैसे ख्वाब लेकर तू मेरी दुनिया में आया है,
एक नया सपना देखती है अब हर पल मेरी आँखें,
प्यार ने तेरे मेरी पलकों पर सपनो को सजाया है..

धुंधला गए थे सब रंग तेरे आने से पहले,
ये कैसी रौनक लेकर तू मेरी दुनिया में आया है,
 मोहब्बत  हो गयी है अब आईने को मेरी तस्वीर से,
प्यार ने तेरे मुझ पर जाने कैसा रंग चढ़ाया है..

रूठी थी मुझसे हर ख़ुशी तेरे आने से पहले,
ये कैसा अफसाना लेकर तू मेरी दुनिया में आया है,
कर ली है मेरे लबो से मुस्कराहट ने अब दोस्ती,
प्यार ने तेरे खुशियों को कुछ इस तरह बहकाया है..

 भूल चुकी थी जीना मैं तेरे आने से पहले,
एक नयी ज़िन्दगी लेकर तू मेरी दुनिया में आया है,
सौ बार जी उठती हूँ अब तो एक-एक पल में,
प्यार ने तेरे जबसे मेरी ज़िन्दगी को गले लगाया है...

Sunday, 19 June 2011

प्यार की शक्ति

मैंने पूछा तारों से,
बोलो क्यों अंधियारों में,
चाँद का साथ तुम देते हो,
बदले में क्या फिर लेते हो?

तब तारो ने पूछा मुझसे,
कभी पूछा है वृक्ष की डालों से,
क्यों लदती हैं वो फूलो से,
गर मुरझाना ही है उनको..
क्यों फूलो से सजती हैं वो,
गर गिर जाना ही है उनको?

पूछो माँ से क्यों अपने बच्चो पर,
अपना सर्वस्व लुटाती है,
बदले में क्या वो पाती है,
पूछो नदियों के उस जल से,
जो खो कर अपना निज परिचय,
सागर में मिल जाता है,
बदले में क्या वो पाता है?

समझ गयी मैं एक शक्ति है,
जो सबको बांधे रखती है,
कभी किसी से डरी नहीं जो,
ना ही जो मिट सकती है..

उस प्यार की शक्ति को,
मेरा शत-शत प्रणाम है,
जिससे रोशन साड़ी धरा,
प्रज्वलित ये आसमान है..



एक मुलाकात तक़दीर से...

 ज़रा तकदीर से आओ हम,
मुलाकात करते हैं,
जो कह न सके कभी,
वो सभी बात करते हैं..

पूछेंगे ज़रूर हम,
क्या खता हमसे हुई थी,
मुरझा गयी वो डाल क्यों,
जो फूलो तक ने ना छुई थी..

क्यों इम्तेहान हमसे,
लेती रही ये ज़िन्दगी,
क्यों सैलाब आंसुओ का हमे,
देती रही ये ज़िन्दगी..

क्या विश्वास करना अपनों पर,
गुनाह हुआ करता है,
क्या कोई रिश्ता प्यार से भी,
बड़ा हुआ करता है..

क्यों ठोकर खा कर ही संभलना,
रीत बन गयी है..
क्या सिर्फ किताबो की बात ही,
दिल की प्रीत बन गयी है..

पूछते जा रहे थे हम,
कुछ जवाब न आ रहा था,
आँखों से बहते आंसुओ का भी,
हिसाब न आ रहा था..

और आखिर तक़दीर ने,
ख़ामोशी को तोडा,
सुन कर जिसको खामोश हुए हम,
एक ऐसे सच को बोला..

बोली वो बिन काटों के कभी,
गुलाब होता है क्या..
विधि के विधान का बोलो कोई,
जवाब होता है क्या..

क्यों खुशियों को भूलकर तुम,
बस दुःख को रोते रहते हो,
इस तरह हर पल में छुपी,
खुशियाँ खोते रहते हो..

सुनकर ये जब हमने,
सच्चाई का ध्यान लगाया,
गिले-शिकवे सब भुला के,
तकदीर को गले लगाया..

मैंने देखा है उनको...

 मैंने देखा है उनको,
वो अक्सर आया करते हैं,
मेरे प्यार के बागों में,
खुश्बू फैलाया करते हैं..

 मैंने देखा है उनको,
वो अक्सर आया करते हैं,
मेरी उम्मीद के दामन को,
खुशियों से सजाया करते हैं..

 मैंने देखा है उनको,
वो अक्सर आया करते हैं,
मेरे टूटते हौसले को,
वो फिर से जगाया करते हैं..

 मैंने देखा है उनको,
वो अक्सर आया करते हैं,
भर जाता है जब ये दिल,
वो आस बंधाया करते है..

 मैंने देखा है उनको,
वो अक्सर आया करते हैं,
आँख खुकी तो ये जाना,
बस ख्वाब दिखाया करते हैं..

 मैंने देखा है उनको,
वो अक्सर आया करते हैं,
बस दो पल की राहत देकर,
आंसू दे जाया करते हैं..

एक चेहरा ज़िन्दगी का..

ज़िन्दगी ने दिखाया एक चेहरा..

कुछ शरमाया, सकुचाया सा,
कुछ अपना और पराया सा..

कुछ रात-रात भर रोता सा,
कुछ दिन होते ही मुस्कुराया सा..

कुछ बेगानों से डरता सा,
कुछ अपनों से घबराया सा..

कुछ दोस्तों से रूठा तो,
कुछ दुश्मनों का सताया सा..

कुछ किस्मत का मारा था तो,
कुछ हालातों से चकराया सा..

कुछ खुशियों का ठुकराया तो,
कुछ दुखों से मुरझाया सा..

ज़िन्दगी ने दिखाया एक चेहरा,
कुछ अपना और पराया सा..


जब कोई...

जब कोई दिल के द्वार पर
हर पल दस्तक देता हो,
और दिल आपका लांघ कर देहरी,
उसे अन्दर आने देता हो..

जब कोई बनकर सपना,
रातो को जगाने लगता हो,
और दिल आपका छोड़कर नींदे,
उसे अपना बनाने लगता हो..

जब कोई बनकर कविता,
संगीत सजाने लगता हो,
और दिल आपका बनकर भँवरा,
उसे गुनगुनाने लगता हो..

जब कोई बनकर पंछी,
दिल के आकाश में उड़ने लगता हो,
और दिल आपका खुद-बा-खुद,
उसकी दिशा में उड़ने लगता हो..

जब दिल आपका इस कदर,
अपनी धडकनों को थाम ले,
बदलकर साड़ी धाराएं,
उसे प्यार का ही नाम दें...