Sunday 19 June 2011

जब कोई...

जब कोई दिल के द्वार पर
हर पल दस्तक देता हो,
और दिल आपका लांघ कर देहरी,
उसे अन्दर आने देता हो..

जब कोई बनकर सपना,
रातो को जगाने लगता हो,
और दिल आपका छोड़कर नींदे,
उसे अपना बनाने लगता हो..

जब कोई बनकर कविता,
संगीत सजाने लगता हो,
और दिल आपका बनकर भँवरा,
उसे गुनगुनाने लगता हो..

जब कोई बनकर पंछी,
दिल के आकाश में उड़ने लगता हो,
और दिल आपका खुद-बा-खुद,
उसकी दिशा में उड़ने लगता हो..

जब दिल आपका इस कदर,
अपनी धडकनों को थाम ले,
बदलकर साड़ी धाराएं,
उसे प्यार का ही नाम दें...

 

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