Friday 17 June 2011

सावन..


This one is just apt for the weather now a days..atleast in bangalore.. :)

घटाओं के बादल देखो छा रहे हैं,
वो हमे रह रह के याद आ रहें हैं,
एक-एक पल कट रहा है उनकी यादों में,
ज़िन्दगी का हर पल वही चुरा रहें हैं..

ज़माना भीग रहा है आज बारिशो में,
एक हम हैं आंसू जिसे भिगा रहें हैं,
शायद हमे याद करके दिल धड़का होगा उनका,
बस यही सोचकर इस वक़्त मुस्कुरा रहें हैं..

प्यार का मौसम आएगा बहार लेकर,
इसी उम्मीद में हम हर सावन बिता रहें हैं,
जहाँ भर की खुशियाँ मिलेंगी उनको पाकर,
उनको पाने के लिए आज ये गम उठा रहें हैं..

एक बार वो आ जाएँ फिर ना जाने देंगे,
मेरे दिल के तार यही धुन सजा रहें हैं,
गायेंगे हम मिलकर नगमा प्यार का,
इसी आस में आज तनहा गुनगुना रहें हैं..

जलते हैं बादल प्यार करने वालो से,
शायद इसीलिए बरस कर उन्हें सता रहें हैं,
बुझती नहीं सुलगती है बारिश से जुदाई की आग,
ये बादल पानी नहीं, अंगारे बरसा रहें हैं..

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